German Centre for Integrative Biodiversity Research (iDiv)
Halle-Jena-Leipzig
 
27.10.2021 | हिन्दी (Hindī)

पौधे खाने वाले सूत्रकृमि और उनसे लड़ने की कुंजी

चित्र 1: गाजर की जड़ों से एकत्रित प्रेटिलेंचस प्रजाति का एक नर नेमाटोड । पैमाने के लिए, 100 µm 1 मिमी से 10 गुना छोटा है और लगभग एक मनुष्य के बाल की चौड़ाई है!

चित्र 2: जड़ खाने वाले नेमाटोड से क्षतिग्रस्त गाजर, जिसके कारण मुख्य जड़ विभाजित हो जाती है।

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Elisabeth Darling1, Marisol Quintanilla-Tornel*1 and Henry Chung1
1 Department of Entomology, Michigan State University, East Lansing, MI, United States

पौधों की जड़ें मिट्टी में रहने वाले कई बैक्टीरिया, कवक और सूक्ष्म प्राणियों के साथ परस्पर क्रिया करतें हैं जो इन पौधों के विकास में योगदान देतें हैं। कई सूक्ष्म नेमाटोड नामक प्राणी मिट्टी के महत्वपूर्ण प्राणियों में से एक हैं l  नेमाटोड पौधों के लिए लाभदायक, हानिकारक या निष्पक्ष हो सकते हैं।  नेमाटोलॉजिस्ट कहलाने वाले वो वैज्ञानिक होते हैं, जो नेमाटोड और उनके द्वारा फसल (जैसेकि गाजर) नुकसान को रोकने के तरीकों का अध्ययन करते हैं  l

नेमाटोलॉजिस्ट और अन्य वैज्ञानिक मिलकर किसानों की  मदद करते हैं, जिससे इन जीवों को नियंत्रित किया जा सके और स्वस्थ फसल उगाया जा सके l

छोटे जीव बड़ी समस्या के कारण बन सकते हैं

मुट्ठी भर मिट्टी में हजारों जीव होते हैं जो इतने छोटे होते हैं कि हमें उन्हें देखने के लिए माइक्रोस्कोप नामक यंत्र की आवश्यकता होती है। ये जीव भले ही छोटे हो, लेकिन उनमें से कुछ जीवों का खाद्य फसलों के सफल विकास पर विश्वव्यापी प्रभाव पड़ता है। नेमाटोड (चित्र 1) छोटे गोलाकार कीड़े हैं जो हमारे बगीचों, खेतों और प्राकृतिक  क्षेत्रों  की मिट्टी में रहते हैं। जहाँ कुछ नेमाटोड पौधों के लिए लाभदायक होते हैं, वहीं अन्य पौधों  के लिए हानिकारक होते हैं। ये खतरनाक नेमाटोड पौधों की जड़ों का सेवन करते हैं, जो अंततः पौधे को नुकसान पहुंचाते  है और पौधे की वृद्धि को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। नेमाटोड जड़ों पर घाव पैदा करते हैं, जो पौधे की जड़ों को अन्य जीवों द्वारा संक्रमण की चपेट में छोड़ सकते हैं १। पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले नेमाटोड को अक्सर  परजीवी (पैरसाइट) कहा जाता है।

पौधे खाने वाले सूक्ष्म कीट: जड़ वाली फसलों के लिए खतरा

कुछ बगीचे के पौधे ऐसी जड़ वाली सब्ज़ियाँ होती हैं जिनका हम सेवन करते हैं, जैसे कि गाजर, चुकंदर, पार्सनिप और आलू। निमेटोड इन महत्वपूर्ण और कई अन्य खाद्य फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं  । नेमाटोड अपने नली के आकार के मुंह के ज़रिये एंजाइमों के मिश्रण को पौधों में भरते हैं, जिससे पौधे की कोशिकाएँ विघटित हो जाती है। इसके बाद कोशिकाएं कमजोर हो टूट जाती हैं, और नेमाटोड इस पदार्थ

को खा जाते हैं २। जब शुरुआती चरणों में,  निमेटोड गाजर की जड़ों को खाते हैं, इससे पौधे को गंभीर नुकसान पहुंच सकती है और पौधे की मृत्यु भी होने की संभावना रहती है ।  नेमाटोड मौसम की शुरुआत में गाजर और पार्सनिप के जड़ों को इतना नुकसान पहुंचाते हैं कि किसान उन्हें बेच नहीं सकते। यदि प्रेटिलेंचस नामक जाति के कुछ नेमाटोड बहुत छोटे गाजर को खाते हैं, जिससे जड़ को नुकसान होता है  और जिसके कारण गाजर की कई शाखाएँ उगती हैं (चित्र  २)। जब मिट्टी में नेमाटोड बड़ी मात्रा में  पायी जाती है, फसलों का बड़ा नुकसान हो सकता है।

नेमाटोड का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक को नेमाटोलॉजिस्ट कहा जाता है । नेमाटोलॉजिस्ट किसानों के साथ मिलकर, खतरनाक नेमाटोड पर विभिन्न उत्पादों की प्रभावशीलता का परीक्षण करते हैं, जिससे इनसे लड़ने के अच्छा उपचार प्राप्त हो । जड़ वाली सब्जियां खाने वाले नेमाटोड को नियंत्रित करना विशेष रूप से कठिन होता है, क्योंकि कभी-कभी मौसम के अंत में जब तक फसलों की कटाई न की गयी हो तब तक किसान संक्रमण के लक्षण नहीं देख पाते ।

नेमाटोड संक्रमण की पहचान कैसे की जाती है?

अन्य विशाल कीटों के विपरीत, निमेटोड को सीधे तरीके से आंखों से नहीं देखा जा सकता है, इसलिए नेमाटोड संक्रमण की पुष्टि के लिए प्रयोगशाला परीक्षण की आवश्यकता होती है। यदि कोई किसान चिंतित है कि उसके पौधे को निमेटोड द्वारा नुकसान हुआ हो, तो वह अपने खेत से एकत्र किए गए मिट्टी के नमूने को नेमाटोलॉजी प्रयोगशाला में भेज सकता है। प्रयोगशाला में, मिट्टी को पानी के साथ मिश्रित किया जाता है और जालीदार छलनी के माध्यम से हिलाया जाता है, जो कि आटे छानने की प्रक्रिया के अनुरूप होती है। मिट्टी से रेत या अन्य मलबे के किसी भी बड़े हिस्से को हटाना और केवल नेमाटोड को पकड़ना उद्देश्य होता है। मिश्रण को ट्यूबों में स्थानांतरित कर दिया जाता है, जिसे सेंट्रिफ्युज नामक मशीन में डाल दिया जाता है - यह मशीन ट्यूबों के नीचे सघन कणों को इकट्ठा करने के लिए बहुत तेज़ी से घूमती है। नेमाटोड पानी  में  तैरते हैं, जबकि भारी रेत और मिट्टी के कण ट्यूब के नीचे रहते हैं। फिर, ट्यूब में चीनी का घोल डाला जाता है जिससे नेमाटोड ट्यूब के ऊपरी सतह में तैरने लगते हैं। वैज्ञानिक नेमाटोड को इकट्ठा करके उन्हें एक माइक्रोस्कोप के तहत देख सकते हैं और पहचान सकते हैं कि किसान के खेत में नेमाटोड की कौन सी प्रजाति है। {जेनस्किन्स} हालांकि, कुछ नेमाटोड की प्रजातियाँ एक जैसे दिखते हैं, जिसके कारण, उनके डीएनए का विश्लेषण करके उन्हें पहचानने की आवश्यकता होती है।

किसान नेमाटोड को नियंत्रित कैसे कर सकते हैं?

किसानों की नेमाटोड के मुद्दों से निपटने के लिए नेमाटोलॉजिस्ट और अन्य वैज्ञानिक मिलकर काम करते हैं। नेमाटोड का सामना करने वाले नेमाटीसाइड्स नामक रसायन होते हैं, जिनका उपयोग वर्तमान में नेमाटोड संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है। ये रसायन नेमाटोड के लिए जहरीले होने के अलावा इनके उपयोगकर्ताओं के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं,  साथ ही ये महंगे भी होते हैं। नेमाटोलॉजिस्ट किसानों के लिए इन सूक्ष्म कीटों के नियंत्रण के लिए अन्य प्रभावशाली तरीकों पर शोध कर रहे हैं। कुछ प्रकार के बैक्टीरिया और (फंगी) कवक ३ में नेमाटीसाइड वाले गुण होते हैं, अर्थात वे नेमाटोड को मार या रोक सकते हैं, और कुछ तो विशिष्ट रूप से केवल हानिकारक नेमाटोड को ही नुकसान पहुंचाते हैं ४। कई वर्तमान अध्ययन इन लाभकारी प्रजातियों की पहचान करने और उन्हें विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे उन्हें मिट्टी में खराब नेमाटोड की आबादी को कम करने के लिए किसानों के खेतों में लागू किया जा सके। सबसे उपयोगी नेमाटीसाइड वही होगा जो केवल हानिकारक नेमाटोड को विशिष्ट रूप से नष्ट कर सके, इससे मिट्टी में संसाधन और अन्य सहायक सूक्ष्म जीव सुनिश्चित तरीके से संरक्षित रहेंगें।

कवक और बैक्टीरिया: पौधे-परजीवी नेमाटोड से लड़ने के लिए एक संभावित कुंजी

पौधे-परजीवी  नेमाटोड खतरनाक प्राणी हैं जो पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और जिससे फसलों के न बिकने के कारण किसानों को पैसे गंवाना पड़ सकता है। अतः, इन नेमाटोड के प्रबंधन के लिए प्रभावशाली तरीके खोजना महत्वपूर्ण है। प्रधान रूप से, ये उपचार पर्यावरण और मिट्टी में रहने वाली अन्य प्रजातियों के लिए सुरक्षित होने चाहिए और किसान के लिए किफायती भी होने चाहिए। नेमाटोलॉजिस्ट के लिए यह काफी चुनौतीपूर्ण है, लेकिन भविष्य उज्ज्वल है! संभावित प्रमुख समाधान मिट्टी के विभिन्न कवक या बैक्टीरिया की खोज पर आश्रित है, जो नेमाटोड को नियंत्रित कर सकते हैं एवं नए, प्रभावशाली और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के रूप में किसानों के उपयोग में आ सकते हैं। इसके अलावा, मिट्टी में नेमाटोड की विभिन्न प्रजातियों की पहचान करने के लिए, नेमाटोड डीएनए का उपयोग, नेमाटोड विज्ञान के क्षेत्र को आगे बढ़ाने में सहायक रहा है। कभी-कभी डीएनए विश्लेषण जैसा उन्नत विज्ञान महंगा हो सकता है, लेकिन विभिन्न वैज्ञानिक एक साथ काम करके उन्नत तकनीकों में प्रगति ला सकते हैं, जो भविष्य में वैज्ञानिकों और किसानों के लिए इस प्रक्रिया को सस्ता बना दे सके । इन तकनीकों से नेमाटोलॉजिस्ट और उनके साथी वैज्ञानिकों की टीमों को सर्वोत्तम तरीके खोजने में मदद मिलेगी जिससे हानिकारक कीटों को नियंत्रित किया जा सकेगा।

GLOSSARY

नेमाटोड
जीवों का एक समूह (जाति: नेमाटोडा) जिसकी आकृति कीड़े जैसी लंबी और बेलनाकार होती है। वे सभी सात महाद्वीपों (यहां तक कि अंटार्कटिका!), महासागरों और झीलों में पाए जा सकते हैं।

परजीवी
एक जीव जो पोषक तत्वों को चुराने के लिए दूसरे प्राणी (मेजबान) पर निर्भर रहता है।

एंजाइम
जैविक अणु जो कोशिकाओं के भीतर रासायनिक प्रतिक्रियाओं को सम्पादित व प्रेरित करते हैं।

नेमाटोलॉजिस्ट
वैज्ञानिक जो नेमाटोड का अध्ययन करते हैं।  

डीएनए
प्रत्येक जीव में संचित कोशिकाओं को बनाने के लिए आवश्यक निर्देश।

बैक्टीरिया
जीवों का एक समूह जो प्रोकैरियोटिक (अकेन्द्रिक) हैं, जिसका अर्थ है कि उनमें केंद्रक की कमी होती है और केवल एक कोशिका होती है।

कवक (फंगी)
जीवों का एक समूह जो यूकेरियोटिक (कोशिकाओं में एक नाभिक होता है) और जैविक पदार्थों का आहार करते हैं । इस समूह में मशरूम और खमीर शामिल हैं जो हम खाते हैं, साथ ही फफूंदी और मोल्ड भी।

नेमाटीसाइड
एक पदार्थ या जीव जो नेमाटोड को मारने में प्रभावशाली है।

 

REFERENCES

[1] Shah, M. M., and Mahamood, M. 2017. Nematology: Concepts, Diagnosis and Control. BoD – Books on Demand.

[2] Zunke, U. 1990. Observations on the invasion and endoparasitic behavior of the root lesion nematode Pratylenchus penetrans. J. Nematol. 22:309–20.

[3] Poveda, J., Abril-Urias, P., and Escobar, C. 2020. Biological control of plant-parasitic nematodes by filamentous fungi inducers of resistance: Trichoderma, Mycorrhizal and Endophytic Fungi. Front. Microbiol. 11:992. doi: 10.3389/fmicb.2020.00992

[4] Topalovi´c, O., Elhady, A., Hallmann, J., Richert-Pöggeler, K. R., and Heuer, H. 2019. Bacteria isolated from the cuticle of plant-parasitic nematodes attached to and antagonized the root-knot nematode Meloidogyne hapla. Sci. Rep. 9:11477. doi: 10.1038/s41598-019-47942-7

 

EDITED BY: Malte Jochum, German Centre for Integrative Biodiversity Research (iDiv), Germany

CITATION: Darling E, Quintanilla-Tornel M and Chung H (2021) Plant-Eating Nematodes and the Key to Fighting Them. Front. Young Minds 9:604175.doi: 10.3389/frym.2021.604175

रुचियों का भेद: लेखक  घोषणा करते हैं कि यह वैज्ञानिक शोध किसी भी उन व्यवसायिक या वित्तिय संबंधॊं के अनुपस्थिति  में किया गया था जिन्ह़ें संभावित संघर्ष के रूप में माना जा सकता है  l

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AUTHORS

ELISABETH DARLING
I am Ph.D. student at Michigan State University in the Department of Entomology. My co-advisors are Drs. Marisol Quintanilla and Henry Chung. My research project focuses on how different plant-feeding nematode species impact carrot plants. These nematodes are called root lesion nematodes, and they are really damaging to many different crops! I am also really interested in learning about how and to what extent plant feeding nematodes impact other specialty crop systems, like parsnip and hop plants. I love learning about different aspects of nematology.

MARISOL QUINTANILLA-TORNEL
Marisol Quintanilla is the Nematologist in the Entomology department in Michigan State University. Her nematology helps to evaluate management practices to reduce plant parasitic nematodes in Michigan crops. She obtained Ph.D. from Michigan State University. marisol@msu.edu

HENRY CHUNG
Henry is a biologist working at Michigan State University. He is fascinated by how life works at the molecular level. Henry studies insects and nematodes to understand how these organisms can adapt to different environments or feed on different host plants.

TRANSLATOR

KIRAN GURUNG
University of Groningen

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